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हरि-नाम रूपी जल वर्षा कर, हरि-प्रेम बगीचा लगा दिया . . .
"सतगुरु के हों सब बलि जाइया, प्रगट मार्ग जिन कर दिखयाया।
'नानक' सोहे सिमरत वेद, पारब्रह्म गुरु नहीं 'भेद'।।"
"सतगुरु के हों सब बलि जाइया, प्रगट मार्ग जिन कर दिखयाया।
'नानक' सोहे सिमरत वेद, पारब्रह्म गुरु नहीं 'भेद'।।"
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