इस पहले एपिसोड में सुनिए — discrimination के उस पहलू को,
जो हमारी ज़िंदगी में इतने गहरे बैठ चुका है कि हमें अब वो ज़हर नहीं, ज़रूरत लगने लगा है।
ये सिर्फ़ मेरी नहीं, शायद आपकी भी कहानी है।
सुनिए… महसूस कीजिए… और सवाल उठाइए।
क्योंकि 'चुप रहना' अब कोई विकल्प नहीं।""Hayat" का दूसरा एपिसोड एक आईने की तरह है — जो उन चेहरों को दिखाता है जिन्हें दुनिया अक्सर अनदेखा कर देती है। ये कहानी सिर्फ शब्दों की नहीं, एक ऐसी लड़की की आवाज़ है जो भीड़ में भी गुम नहीं होती, लेकिन कोई सुनता भी नहीं।
इस एपिसोड में Hayat खुद अपने अंदर झाँकती है —
वो सवाल पूछती है जो हर लड़की ने कभी न कभी खुद से पूछे होंगे,
वो दर्द बांटती है जिसे किसी डायरी के पन्नों से आगे कभी जगह नहीं मिली।
ये कहानी है चुप रह जाने के खिलाफ़ बग़ावत की,
एक असली लड़की की असली ज़िंदगी की,
जिसे अब कोई कैरेक्टर नहीं चाहिए — बस एक आवाज़ चाहिए जो कहे:
"Main hi to hoon..."
अगर तुमने कभी खुद को अकेला महसूस किया हो,
अगर कभी तुम्हारी आवाज़ दबा दी गई हो,
तो ये एपिसोड तुम्हारे लिए है।
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