Rajat Jain 🚩 #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers podcast

Parvati Vallabh Ashtakam पार्वतीवल्लभ अष्टकम्

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Parvati Vallabh Ashtakam पार्वतीवल्लभ अष्टकम् • पार्वती वल्लभ अष्टकम देवी पार्वती के पति के रूप में भगवान शिव की प्रार्थना है • नमो भूतनाथं नमो देवदेवं नमः कालकालं नमो दिव्यतेजम् । नमः कामभस्मं नमश्शान्तशीलं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ १ ॥ सदा तीर्थसिद्धं सदा भक्तरक्षं सदा शैवपूज्यं सदा शुभ्रभस्मम् । सदा ध्यानयुक्तं सदा ज्ञानतल्पं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ २ ॥ श्मशानं शयानं महास्थानवासं शरीरं गजानां सदा चर्मवेष्टम् । पिशाचं निशोचं पशूनां प्रतिष्ठं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ३ ॥ फणीनागकण्ठे भुजङ्गाद्यनेकं गले रुण्डमालं महावीर शूरम् । कटिव्याघ्रचर्म चिताभस्मलेपं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ४ ॥ शिरश्शुद्धगङ्गा शिवा वामभागं बृहद्दीर्घकेशं सदा मां त्रिणेत्रम् । फणीनागकर्णं सदा फालचन्द्रं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ५ ॥ करे शूलधारं महाकष्टनाशं सुरेशं वरेशं महेशं जनेशम् । धनेशामरेशं ध्वजेशं गिरीशं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ६ ॥ उदासं सुदासं सुकैलासवासं धरानिर्धरं संस्थितं ह्यादिदेवम् । अजाहेमकल्पद्रुमं कल्पसेव्यं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ७ ॥ मुनीनां वरेण्यं गुणं रूपवर्णं द्विजैस्सम्पठन्तं शिवं वेदशास्त्रम् । अहो दीनवत्सं कृपालं महेशं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ८ ॥ सदा भावनाथं सदा सेव्यमानं सदा भक्तिदेवं सदा पूज्यमानम् मया तीर्थवासं सदा सेव्यमेकं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ९ ॥ • इति श्रीमच्छङ्करयोगीन्द्र विरचितं पार्वतीवल्लभाष्टकम् ॥

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