Sadguru Vandna podcast

Pila de O saaki

0:00
12:51
Spol 15 sekunder tilbage
Spol 15 sekunder frem
"निगाह ए मस्त मिलाई तो मय पिला के उठे;
जहां वो बैठ गए, मयकदा बना के उठे!” _
"सर दीने जो बूंद मिले इक, तो भी जानूं सस्ती। 
पिला दे ओ साकी! हरि नाम की मस्ती।।"

Flere episoder fra "Sadguru Vandna"